शनिवार, 15 जून 2013

स्नेह की अँगुली



"कोई भी पतन, गड्ढा इतना गहरा नहीं होता कि जिसमें गिरे को स्नेह की अँगुली से उठाया न जा सके.."

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें