शनिवार, 15 जून 2013
मेरे नाम से
लोग रुक-रुक कर संभलते क्यों हैं,
दर लगता है इतना तो,
घर से निकलते क्यों है..
मैं न दिया हूँ न तारा,
फिर रौशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं ..??
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें