मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

हाथ का मजहब नहीं देखते परिंदे

हाथ का मजहब नहीं देखते परिंदे,
जो भी दाना दे ख़ुशी से खा लेते हैं..!


एक मुनाफा तो हुआ इस बेबसी का

एक मुनाफा तो हुआ इस बेबसी का, 
कोई मजहब में नहीं बाँटता 
सब "गरीब" कहते हैं.!!


कहीं गरीब के बिस्तर को ताट तक नहीं

कहीं गरीब के बिस्तर को ताट तक नहीं, 
कहीं लिहाफ़ में कुत्ते सुलाये जाते हैं..!!