बुधवार, 29 जुलाई 2015

कौन समझाए उन्हें इतनी जलन ठीक नहीं

कौन समझाए उन्हें इतनी जलन ठीक नहीं,,
जो ये कहते हैं मेरा चाल-चलन ठीक नहीं..!!

झूठ को सच में बदलना भी हुनर है लेकिन,,
अपने ऐबों को छुपाने का ये फन ठीक नहीं..!!

उनकी नीयत में ख़लल है तो घर से ना निकलें,,
तेज़ बारिश में ये मिट्टी का बदन ठीक नहीं..!!





रविवार, 26 जुलाई 2015

जिस तरह 'पैर की मोच', 'छोटी सोच' हमें आगे नहीं बढ़ने देती

जिस तरह 'पैर की मोच', 'छोटी सोच' हमें आगे नहीं बढ़ने देती... उसी तरह 'टूटी कलम', 'दूसरों से जलन' स्वयं का 'भाग्य' नहीं लिखने देती! 

हम सभी लोग जिंदगी में कुछ ऐसे अनुभवों से गुजरते हैं

हम सभी लोग जिंदगी में कुछ ऐसे अनुभवों से गुजरते हैं, जिनकी वजह से बहुत से बदलाव आते हैं... और उसके बाद हम कभी भी फिर से वैसे इंसान नहीं बन सकते, जैसे कभी हुआ करते थे... खैर कोई बात नहीं ......चीजें बदल जाती हैं, लोग बदल जाते हैं... अतीत को मत भूलिए, अच्छी यादों को सहेजिए... जीना इसी का नाम है.


ये जरुरी तो नहीं कि हर चाहत का मतलब इश्क ही हो.

ये जरुरी तो नहीं कि हर चाहत का मतलब इश्क ही हो.....कभी- कभी कुछ बेनाम रिश्तों के लिए भी दिल बेचैन हो जाता है.




किसी चीज़ के प्रति सम्मान दिखाने का ढोंग करने से बेहतर है

किसी चीज़ के प्रति सम्मान दिखाने का ढोंग करने से बेहतर है कि आप बेखौफ होकर अपनी बात रखें... क्योकि जो आप वाकई महसूस करते हैं, उसे बताने की तुलना में चुप रहना और मुस्कुराना हमेशा आसान होता है।

खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए

खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए...दूसरों की शिनाख्त मेँ तो हर शख़्स माहिर है.





गुरुवार, 23 जुलाई 2015

हर बार ये इल्ज़ाम रह गया

हर बार ये इल्ज़ाम रह गया,
हर काम में कोई काम रह गया..!!

नमाज़ी उठ उठ कर चले गये मस्ज़िदों से,
दहशतगरों के हाथ में इस्लाम रह गया..!!

दिलेरी का हरगिज़ हरगिज़ ये काम नहीं है,
दहशत किसी मज़हब का पैगाम नहीं है ....!

तुम्हारी इबादत, तुम्हारा खुदा, तुम जानो,
हमें पक्का यकीन है ये कतई इस्लाम नहीं है....!!!



वसल का दिन और इतना मुख्तसर

वसल का दिन और इतना मुख्तसर, 
दिन गिने जाते हैं इस दिन के लिए.. !


शनिवार, 18 जुलाई 2015

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं,
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं।

चलते रहते हैं कि चलना है मुसाफ़िर का नसीब
सोचते रहते हैं किस राहग़ुज़र के हम हैं।

वक़्त के साथ है मिट्टी का सफ़र सदियों से
किसको मालूम कहाँ के हैं, किधर के हम हैं।



ज़ुबानी दाग़ बहुत लोग करते रहते हैं

ज़ुबानी दाग़ बहुत लोग करते रहते हैं,
जुनूँ के काम को कर के दिखाना होता है।

कि तू भी याद नहीं आता ये तो होना था
गए दिनों को सभी को भुलाना होता है।



पानी के वास्ते न सुनेंगे उदू मेरी

पानी के वास्ते न सुनेंगे उदू मेरी,
प्यासे की जान जाएगी और आबरू मेरी..!!

उदू = दुश्मन









इधर कई दिनों से कुछ झुकाव तेरे सर में है

इधर कई दिनों से कुछ झुकाव तेरे सर में है,
है कौन ऐसा बा-असर के जिसके तू असर में है.

इसी लिए तो हम बहुत जियादा बोलते नहीं,
के बात चीत का मज़ा कलामे मुख़्तसर में है.

ज़रा जो मैं निडर हुआ तो फिर ये भेद भी खुला,
मुझे डराने वाला खुद भी दूसरों के डर में है.

मेरा सफीना गर्क होता देख कर हैरां है जो,
उसे पता नहीं कि उसकी नाव खुद भंवर में है.

मुझे भी उसकी जुस्तजू उसे भी मेरी आरज़ू,
मैं उसकी रहगुज़र में हूँ वो मेरी रहगुज़र में है.

अमीरे शहर को कहीं बता न देना भूल से,
कि मैं हूं खैरियत से और सुकून मेरे घर में है.!!




ऐब बहुत होंगे मुझमे मगर एक खूबी भी है

ऐब बहुत होंगे मुझमे मगर एक खूबी भी है..,

हम किसी से ताल्लुक मतलब के लिए नहीं रखते .!


दुरुस्त कर ही लिया मैंने नजरिया अपना,

दुरुस्त कर ही लिया मैंने नजरिया अपना,

के दर्द न हो तो मोहब्बत मज़ाक लगती है ..!!!



ज़ब्त –ए-गम कोई आसान काम नहीं

ज़ब्त –ए-गम कोई आसान काम नहीं,

आग होते हैं वो आंसू, जो पिए जाते हैं..!!



जिंदा रहना है तो हालात से डरना कैसा

जिंदा रहना है तो हालात से डरना कैसा,

जंग लाज़मी हो तो लश्कर नहीं देखे जाते...!!


जो चीज मेरी है उसे कोई और न देखे

जो चीज मेरी है उसे कोई और न देखे,

इंसान भी मोहब्बत में बच्चों की तरह सोचता है...!


मेरी मंजिल मेरी हद ...बस तुम से तुम तक

मेरी मंजिल मेरी हद ...बस तुम से तुम तक,

फखर ये के तुम मेरे हो ....फिक्र ये के कब तक ..!!


शुक्रवार, 17 जुलाई 2015

तेरी दीद जिसको नसीब है वो नसीब क़ाबिल -ए-दीद है

तेरी दीद जिसको नसीब है वो नसीब क़ाबिल -ए-दीद है, 
तुझे सोचना मेरी चांदरात तुझे देखना मेरी ईद हैं ..,


बुधवार, 15 जुलाई 2015

अगर जिदंगी में कभी किसी बुरे दौर से रूबरू हो जाओ

अगर जिदंगी में कभी किसी बुरे दौर से रूबरू हो जाओ....
तो इतना हौंसला जरुर रखना और समझ लेना की वो दौर बुरा था  
जिंदगी नहीं.


विकास का चेहरा या मुखौटा

सच कहू तो विकास का चेहरा या मुखौटा को पूरा पढ़ते -पढ़ते उस गुब्बारे की हवा निकल जाती है जिसे पिछले कुछ समय से भाजपा नेता, कार्यकर्त्ता और मीडिया का एक हिस्सा फुलाने में लगा हुआ है...... केंद्र की सरकार काम कर रही है.... अच्छी बात है ..सरकारें काम करने के लिए ही आती हैं.इसमें ऐसी कोई बात नहीं है जिसके लिए मोदी या उनके नेतृत्व की हर वक्त तारीफ़ की जाए... लेकिन मीडिया, खासकर टीवी मीडिया का एक बड़ा तबका ऐसा ही कर रहा हैं ..हर वक्त तारीफ़ ..हर बात पर तारीफ़ ..मोदी सरकार के रणनीतिकारों और भाजपा के नेताओं को यह समझना होगा कि जब तारीफें काम से ज्यादा होने लगती हैं तो जनता में गुस्सा पनपने लगता है ...इसी तरह के गुस्से की वजह से अटल बिहारी वाजपयी दोबारा सत्ता में नहीं लौट पाए थे.

हम तो छोटे है अदब से सर झुका लेगे "जनाब

हम तो छोटे है अदब से सर झुका लेगे "जनाब"

बडे ये तय कर ले कि उन मे बडप्पन कितना है ?!!



तलाश सिर्फ सुकून की होती हैं

तलाश सिर्फ सुकून की होती हैं,
बेनाम सा कोई भी रिश्ता हो...!!




सोमवार, 13 जुलाई 2015

बचपन से बुढ़ापे तक..गरीबी से अमीरी तक

बचपन से बुढ़ापे तक..गरीबी से अमीरी तक,
ऐसे वक़्त के सिलसिले मिले,
अनाथाश्रम में बच्चे गरीबों के दिखे,
वृद्धाश्रम में बुज़ुर्ग अमीरों के मिले ..!!


गुरुवार, 9 जुलाई 2015

सोमवार, 6 जुलाई 2015

ख्वाहिश भले ही छोटी सी हो.

ख्वाहिश भले ही छोटी सी हो...,
लेकिन.. उसे पूरा करने के लिए दिल ज़िद्दी होना चाहिए..!!


अनकहे शब्दो के बोझ से थक जाती हुँ कभी-कभी

अनकहे शब्दो के बोझ से थक जाती हुँ कभी-कभी,
पता नही खामोश रहना मजबुरी है या संमझदारी..!!


ये पस्त हौसले वाले क्या देंगे तेरा साथ

ये पस्त हौसले वाले क्या देंगे तेरा साथ,
ज़िन्दगी इधर आजा तुझे हम गुजारेंगे..!!


दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो

दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो,
क्योंकि जब गर्द हटती है, तो आईने भी चमक उठते हैं".. !!!!


कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों

कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों,
जिंदगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने....!!



सख्त राहों में अब आसान सफ़र लगता है

सख्त राहों में अब आसान सफ़र लगता है,
अब अंजान ये सारा ही शहर लगता है..
कोई नहीं मेरा ज़िन्दगी की राहों में ..
मैं और मेरा ये सफ़र ही मेरा हमसफ़र लगता है..!


'हद तपे सो औलिया, बेहद तपे सो पीर

'हद तपे सो औलिया, बेहद तपे सो पीर,
हद बेहद दोनों तपे, वाको नाम कबीर"..!!


आपके नसीब के छेद जो अपनी बनियान में पहन ले

आपके नसीब के छेद जो अपनी बनियान में पहन ले, 
उस शख्सियत को 'पिताजी' कहते हैं....!!


मशहूर हम भी होना जानते हैं दुनिया के तौर-तरीकों से

मशहूर हम भी होना जानते हैं दुनिया के तौर-तरीकों से,
मगर जिद अपने अंदाज की है इसलिए जद्दोजहद करते हैं..!!


मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है शोर भी है

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है शोर भी है.. ,
तूने देखा ही नहीं .. अा़ँखों में कुछ अौर भी है..,


अपने दिल की ईद को दरकिनार न कर

अपने दिल की ईद को दरकिनार न कर, 
भूख गर जब्त से बाहर हो तो रोज़ा कैसा..!!


जब भरोसा टूटता है तो माफी के कोई मायने नहीं होते

जब भरोसा टूटता है तो माफी के कोई मायने नहीं होते..


गांव छोड़ के शहर आये थे

गांव छोड़ के शहर आये थे,
फिक्र वहां भी थी फ़िक्र यहां भी है,
वहां तो सिर्फ 'फसलें' ही खतरे में थीं.
यहां तो पूरी 'नस्लें' ही खतरे में है..!!


मैं “किसी से” बेहतर करुं

मैं “किसी से” बेहतर करुं
क्या फर्क पड़ता है!
मै “किसी का” बेहतर करूं
बहुत फर्क पड़ता है!


छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते

छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते !!

कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते !!


गर फुर्सत मिले तो समझना मुझे ज़रूर

गर फुर्सत मिले तो समझना मुझे ज़रूर,,
मैं तुम्हारी उलझनों का मुकम्मल इलाज हूँ..!!