सोमवार, 6 जुलाई 2015

सख्त राहों में अब आसान सफ़र लगता है

सख्त राहों में अब आसान सफ़र लगता है,
अब अंजान ये सारा ही शहर लगता है..
कोई नहीं मेरा ज़िन्दगी की राहों में ..
मैं और मेरा ये सफ़र ही मेरा हमसफ़र लगता है..!


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