गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

तुझमे झांकती हूँ में सबसे नज़रें बचा कर

तुझमे झांकती हूँ में सबसे नज़रें बचा कर
बेचैन हो रही हूँ क्यों तेरी पनाहों में आ कर,

क्या ढूँढती हूँ जाने क्या चीज खो गई है
इन्सान हूँ शायद मोहब्बत हो गई......!!


 

घर कितने हैँ मुझे ये बता, मकान बहुत हैँ

घर कितने हैँ मुझे ये बता, मकान बहुत हैँ।
इंसानियत कितनो मेँ है, इंसान बहुत हैँ॥
 

मुझे दोस्तोँ की कभी, जरूरत नहीँ रही।
दुश्मन मेरे रहे मुझ पे, मेहरबान बहुत हैँ॥
 

दुनिया की रौनकोँ पे न जा,झूठ है, धोखा है।
बीमार, भूखे, नंगे,बेजुबान बहुत हैँ॥
 

कितना भी लुटोँ धन,कभी पुरे नहीँ होँगे।
निश्चित है उम्र हरेक की,अरमान बहुत हैँ॥


हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूँ मैं

हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूँ मैं
भीड़ बहुत है, इस मेले में खो सकता हूँ मैं
 

पीछे छूटे साथी मुझको याद आ जाते हैं
वरना दौड़ में सबसे आगे हो सकता हूँ मैं
 

कब समझेंगे जिनकी ख़ातिर फूल बिछाता हूँ
इन रस्तों पर कांटे भी तो बो सकता हूँ मैं
 

इक छोटा-सा बच्चा मुझ में अब तक ज़िंदा है
छोटी छोटी बात पे अब भी रो सकता हूँ मैं
 

सन्नाटे में दहशत हर पल गूँजा करती है
इस जंगल में चैन से कैसे सो सकता हूँ मैं
 

सोच-समझ कर चट्टानों से उलझा हूँ वरना
बहती गंगा में हाथों को धो सकता हूँ...!!


सोमवार, 10 फ़रवरी 2014

कल्पना

जिन लोगों ने भी माहन चीजें हांसिल की हैं वो महान सपने देखने वाले रहे हैं..परिकल्पना उस सत्य को उजागर करती है जिसे वास्तविकता ढक देती है..विचार और कल्पना हमारे असल जीवन का तीन-चौथाई से अधिक हिस्सा होते हैं.कल्पना अभ्यास से बढती है, और आम धारणा के विपरीत, परिपक्कव लोगों में युबा लोगों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली होती है. कल्पना मानव-जाति को अन्धकार युग से निकाल कर मौजूदा स्थिति में ले आई है. कल्पना ने कोलंबस से अमेरिका की खोज कराई. कल्पना ने फ्रैंकलिन से बिजली की खोज कराई..कल्पना अधिकतर आपको ऐसी दुनिया में ले जाएगी जो पहले कभी नहीं थी. लेकिन उसके बिना हम कहीं नहीं जा पाएंगे.अपनी कल्पना से जियें , इतिहास से नहीं.जिस इंसान के पास कल्पना नहीं है उसके पास पंख नहीं हैं.सबसे कल्पनाशील व्यक्ति सबसे विश्रंभी होते हैं, उनके लिए सब कुछ संभव होता है..कल्पना करना ही सब कुछ है, जानना कुछ भी नहीं.आप अपनी आँखों पर यकीन नहीं कर सकते जब आपकी कल्पना सही ना हो. एक ऐसे भविष्य को देखने के लिए जो हो ही ना, आपको कल्पना की ज़रुरत होती है.

सोमवार, 3 फ़रवरी 2014

इंसान जिंदगी में दो चीज़ो से हारता है, पहला वक़्त और दूसरा प्यार

इंसान जिंदगी में दो चीज़ो से हारता है, पहला वक़्त और दूसरा प्यार..... वक़्त कभी किसी का नहीं होता और प्यार हर किसी से नहीं होता...!!



हमने इंसानों के दुःख दर्द का हल ढूंढ लिया


हमने इंसानों के दुःख दर्द का हल ढूंढ लिया
क्या बुरा है जो ये अफवाह फैला दी जाए,

हम को गुज़री हुई सदियाँ तो न पह्चानेंगी
आने वाले किसी लम्हे को सदा दी जाए,


फूल बन जाती हैं दहके हुए शोलों की लवें
शर्त ये है के उन्हें खूब हवा दी जाए,

कम नहीं नशे में जाड़े की ये गुलाबी रातें
ये शर्द हवायें हैं इसे गर्म एहसासों की वजह दी जाए...!!
 
 

ढूंढता फिरता हूँ अपने आप को

ढूंढता फिरता हूँ अपने आप को
आप ही होया मुसाफ़िर, आप ही मंजिल हूँ मैं...!!

बड़ा है फर्क दोनों में, मगर दिलचस्प हैं दोनों

बड़ा है फर्क दोनों में, मगर दिलचस्प हैं दोनों
तेरी दुनिया ख़्वाबों की, मेरी दुनिया सवालों की,

तुम्हें जब से मैं लिखता हूँ, तुम्हें जब से मैं पढ़ता हूँ
ज़रूरत ही नहीं पड़ती किताबों की हवालों की ...