शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

प्यार और वैलेंटाइन डे (Love & valentine's day)


प्यार में दो चीजें होती हैं शरीर और शब्द। हम तब सबसे ज्यादा जीवंत होते हैं जब हम प्रेम में होते हैं। अगर आपके अन्दर बस एक मुस्कान बची है तो उसे उन्हें दीजिये जिनसे आप प्रेम करते हैं...... आपके सामने एक लम्बा जीवन है और ये सुन्दर हो सकता है अगर आप एक दुसरे से प्रेम करते और इसे गले लगाते रहें। आपको जो चाहिए वो बस प्रेम है..........दिल का अपना तर्क होता है जिसके बारे में विवेक कुछ नहीं जानता.... प्रेम हमारी सच्ची नियति है। हम अकेले खुद से जीवन का अर्थ नहीं खोज पाते हैं इसलिए इसे जानने के लिए हमें एक दूसरे के साथ की जरुरत होती है.... जब आप किसी से प्यार करते हैं तो आपकी बची हुई सभी चाहते बाहर आना शुरू हो जाती हैं.... प्यार उन जगहों से रास्ता निकाल लेता है जहाँ भेड़िये शिकार करने से डरते हैं..........दुनिया की सबसे अच्छी महक उस इंसान की होती है जिससे आप प्यार करते हैं एक दोस्ती जो प्यार की तरह है वो जोशीली है,  एक प्यार जो दोस्ती की तरह है , वो पक्का है.. अपने गले पे हीरों की बाजाय मैं अपने मेज पर गुलाबों का होना पसंद करुँगी.... एक दिल इससे नहीं आँका जाता है कि आप कितना प्यार करते हैं,  बल्कि इससे कि औरों द्वारा आपको कितना प्यार किया जाता है... प्रेम हमारी निशानी होनी चाहिए, प्रेम आपका हो प्रेम मेरा हो... हर बार जब आप प्यार करें , इतनी गहराई से करें जैसे कि वो हमेशा के लिए हो... किसी से प्यार किया जाता है क्योंकि उससे प्यार किया जाता है प्यार करने के लिए किसी कारण की आवश्यकता नहीं होती.................बुद्धिमान सिर्फ इसलिए बुद्धिमान हैं क्योंकि वे प्रेम करते हैं..........मूर्ख सिर्फ इसलिए मूर्ख हैं क्योंकि वे सोचते हैं कि वे प्रेम को समझ सकते हैं ................ .अगर हर प्रेमी के साथ हर दिन ऐसा व्यवहार किया जाए जितना कि वो मायने रखता है तो वैलेंटाइन डे इतना स्पेशल नहीं होता। (Arpana Singh Parashar)


गुरुवार, 2 जनवरी 2014

बदला न अपने आपको

बदला न अपने आपको जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से मगर दरकत अजनबी रहे

दुनिया न जीत पाए तो कभी हारेंगे न खुद को
इक सफ़र नया होगा यह जानकार खुश रहे ..!!

Happy New Year

2013 चला गया और 2014 आ गया है .... लेकिन वह क्या चीज है जो एक सेकेण्ड को दुसरे से, एक दिन को दुसरे दिन से और एक साल को दुसरे साल से अलग करती है .... कुछ नहीं ...वक़्त एक बिना जोड़ का ऐसा धागा है जो अनंत तक पसरा हुआ है..... वे हम ही है जो इसे अच्छा सा नाम देते हैं ...और उनपर अपनी पसंद टिकाते हैं क्योकि हम वक़्त को यूहीं भटकने नहीं दे सकते ...ऐसा नहीं है कि वक़्त ही हमेशा हमारे साथ खेलता है...हम भी उसके साथ खेलते है ...और यह ताकत सिर्फ इंसान को ही मिली है .....यह सच है कि वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता.

वक़्त अच्छा है तो गुज़र जायेगा
वक़्त बुरा है तो गुज़र जायेगा.....!!

हमें हमेशा इस बात को ध्यान में रखना चाहिए ......The Past is Killing and the future is uncertain....

कर्म ही जिसकी रीत है,
सत्य से जिसकी प्रीत है,
समय उसका मीत है,
अंत में उसकी ही जीत है.....अंत भला तो सब भला..!!!

आइये जनाब नए साल की खुशिया मनाने के लिए तैयार हो जाएँ क्योकि सबसे अच्छा यही है... HaPPy NeW YeAr .....