शनिवार, 18 जुलाई 2015
मेरी मंजिल मेरी हद ...बस तुम से तुम तक
मेरी मंजिल मेरी हद ...बस तुम से तुम तक,
फखर ये के तुम मेरे हो ....फिक्र ये के कब तक ..!!
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