शनिवार, 15 जून 2013

मैं ये नहीं कहती

मैं ये नहीं कहती कि मैं हर किसी को अच्छे से जान या समझ सकती हूँ ... लेकिन फिर भी मैं अपनी ज़िन्दगी में लोगों को अहमियत इसलिए देती हूँ ....क्योंकि जो अच्छे और सच्चे होंगे वो साथ देंगे ... और जो बुरे होंगे वो सबक देंगे..!!!

आंधियों में भी जैसे कुछ चिराग जला करते हैं
उतनी ही हिम्मत ए हौसला हम भी रखा करते हैं,

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