जिन्दगी एक सफ़र की तरह है ... जहाँ लोगों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन हाँ ...... इन्ही आने जाने वालों से हमे यह पता चलता है कि इन आने जाने वालो में किसकी हमारी जिंदगी में कितनी एहमियत है। कुछ हमारे पास रुक जाने के बाद भी उतना महत्व नहीं रखते जितना की कभी - कभी बहुत दूर चले जाने वाले रखते हैं। ....... इसका मतलब तो यही है कि रिश्तो के बंधन साथ के नहीं अहसास के होते हैं और जहाँ रिश्तो में एहसास नहीं वहां बंधन का कोई मतलब नहीं है।।।।।।।।
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