शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

देश के नेता हर काम भूल जाते हैं

देश के नेता हर काम भूल जाते हैं

जाते हैं जिनके पास वोट मांगने
जितने के बाद वो इंसान भूल जाते हैं।

जितने से पहले करते हैं जो वादे
उन सभी वादों के नाम भूल जाते हैं। 

बैठते ही अपनी कुर्सी पर बनते हैं इनके आलिशान महल
गरीबों के टूटे माकन भूल जाते हैं। 

पहनकर सफ़ेद खादी का कुरता
जो करते हैं वो सारे काले काम भूल जाते हैं।

बोलते हैं झूठ इतना कि
अपना ईमान भूल जाते हैं।

बात करते हैं खेती की और
देश के किसान भूल जाते हैं।

डुबे रहते हैं शराब के नशे में
पानी का काम भूल जाते हैं।

बढ़ा कर भाव मार्केट का
हर चीज का दाम भूल जाते हैं।

भाषण देने में हो जाते है बुत इतना कि
अपने भाषण का परिणाम भूल जाते हैं।

चलते हैं दुश्मनों से सम्बन्ध बनाने
उनसे मिले जख्मों सारे निशान भूल जाते हैं।

देश का सिस्टम लेकर हांथो में
सिस्टम का काम भूल जाते हैं।

बनते ही नेता
हर मान सम्मान भूल जाते है।

यह नेता किसी काम के नहीं हैं
देश के नेता हर काम भूल जाते हैं
हर काम भूल जाते है ...........।।।

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