शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

मेरी माँ

भगवान् सभी जगह नहीं हो सकते इसलिए उसने माएं बनायीं एक पिता अपने बच्चों के लिए जो सबसे प्रमुख चीज कर सकता है वो उनकी माँ से प्रेम करना है मैं जो कुछ भी हूँ या होने की आशा रखती हूँ उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है। मातृत्व : सारा प्रेम वहीँ से आरम्भ और अंत होता है मुझे एक ऐसी माँ के साथ बड़े होने का मौका मिला जिसने मुझे खुद में यकीन करना सिखाया। कला की दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा की उन लोरियों में होता है जो माएं गाती है । यकीनन मेरी माँ मेरी चट्टान है मातृत्व …कठिन है ….और लाभप्रद भी मेरी माँ मेरा ख़याल इस तरह से रखती है कि मैं हमेशा आनंद में रहती हूँ । बच्चे अपनी माँ से नहीं तो और किससे बात करेंगे बच्चे माँ के जीने का सहारा होते हैं, एक माँ का हाथ कोमलता से बना होता है और बच्चे उसमे गहरी नीद में सोते हैं। एक औरत को माँ , पत्नी , और राजनीतिज्ञ की भूमिका एक साथ निभानी चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है की अगर सारे देशों की माएं मिल पातीं तो और युद्ध नहीं होते। मैं लोगों से पूछती हूँ की वो हिरन के सर दीवारों पर क्यों टांगते हैं ? वो हमेशा कहते हैं कि ये कितना खूबसूरत जानवर है । वही तो मैं सोचती हूँ की मेरी माँ बहुत आकर्षक हैं , लेकिन मैं उनकी फोटो रखती हूँ। जैसे एक माँ को अपने बच्चे को गोद में लेने में ,खिलाने और दुलार करने में ख़ुशी मिलती है, उसी तरह हमारे प्यारे ईश्वर अपनी प्रिय जनो से प्रेम करते हैं , जो पूर्णतः उसमे समर्पित है और उनकी अच्छाई में अपनी आशा रखते हैं। ज़िन्दगी उठने और माँ के चेहरे से प्यार करने के साथ शुरू हुई । इंसान वो है जो उसे उसकी माँ ने बनाया है केवल माएं भविष्य के बारे में सोच सकती हैं – क्योंकि वो अपने बच्चों के रूप में इसे जन्म देती हैं। स्वेटर और कपडे बच्चों द्वारा तब पहने जाते हैं जब माँ को ठण्ड लगती है। एक महिला समान रूप से पत्नी और माँ के रूप में बलिदान करती है जिस घर में माँ होती है, वहां चीजें सही रहती हैं।


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