शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

दिमाग को समझने के लिए विचारों की ज़रुरत होती है

जिस प्रकार आँखों को देखने के लिए रौशनी की ज़रुरत होती है, उसी प्रकार हमारे दिमाग को समझने के लिए विचारों की ज़रुरत होती है। केवल इंसानों में अपने विचारों को भौतिक वास्तविकता में बदलने की शक्ति होती है; केवल इंसान सपने देख सकता है और उन्हें साकार कर सकता है। जितना सोना धरती से निकाला गया है उससे कहीं ज्यादा लोगों के विचारों से निकाला गया है। विचार सारे भाग्य का प्रारंभिक बिंदु है।

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