शनिवार, 15 जून 2013

मेरे नाम से

लोग रुक-रुक कर संभलते क्यों हैं,
दर लगता है इतना तो,
घर से निकलते क्यों है..
मैं न दिया हूँ न तारा,
फिर रौशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं ..??

क्या करे इंसान भी

क्या करे इंसान भी जब घायल रूह तक बेज़ार है
अब दुआ भी किससे करे जब देवता ही बीमार है,

जो रोते हुए बेहाल लोगों को हँसा दे
वही आज का सबसे बड़ा फनकार है,

हो कोई इंसान या सौ टका ईमान हो
बेचने की ठान लो तो हर तरफ बाज़ार है..!!

स्नेह की अँगुली



"कोई भी पतन, गड्ढा इतना गहरा नहीं होता कि जिसमें गिरे को स्नेह की अँगुली से उठाया न जा सके.."

शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

जिन्दगी एक सफ़र की तरह है

जिन्दगी एक सफ़र की तरह है ... जहाँ लोगों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन हाँ ...... इन्ही आने जाने वालों से हमे यह पता चलता है कि इन आने जाने वालो में किसकी हमारी जिंदगी में कितनी एहमियत है। कुछ हमारे पास रुक जाने के बाद भी उतना महत्व नहीं रखते जितना की कभी - कभी बहुत दूर चले जाने वाले रखते हैं। ....... इसका मतलब तो यही है कि रिश्तो के बंधन साथ के नहीं अहसास के होते हैं और जहाँ रिश्तो में एहसास नहीं वहां बंधन का कोई मतलब नहीं है।।।।।।।।

जो पूरा न कर सको किसी से वो वादा न करो

जो पूरा न कर सको
किसी से वो वादा न करो
उम्मीदें जो भी हो खुद से करो
दूसरों से इरादा न करो
मंजिल तक पहुंचना है तो
सही रास्ता चुनो और उस पर चलो
रुकावटों की परवाह न करो
घिरे हो कभी झूठ से तो
सिर्फ सच की परवाह करो
सुखो से घेर कर हमेशा
अपने को तबाह न करो
जब दुःख नहीं महसूस किया तो
सुख का मजा ही क्या है यारो
कुछ नहीं है इधर - उधर
सारी कायनात सिर्फ हममे और तुममे है
हम अगर सही है तो
मत करो दुनिया की परवाह
सिर्फ खुद पर एतबार करो ... और आगे बढ़ो .........!!!!!!!!