जिन्दगी एक सफ़र की तरह है ... जहाँ लोगों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन हाँ ...... इन्ही आने जाने वालों से हमे यह पता चलता है कि इन आने जाने वालो में किसकी हमारी जिंदगी में कितनी एहमियत है। कुछ हमारे पास रुक जाने के बाद भी उतना महत्व नहीं रखते जितना की कभी - कभी बहुत दूर चले जाने वाले रखते हैं। ....... इसका मतलब तो यही है कि रिश्तो के बंधन साथ के नहीं अहसास के होते हैं और जहाँ रिश्तो में एहसास नहीं वहां बंधन का कोई मतलब नहीं है।।।।।।।।
जो पूरा न कर सको किसी से वो वादा न करो उम्मीदें जो भी हो खुद से करो दूसरों से इरादा न करो मंजिल तक पहुंचना है तो सही रास्ता चुनो और उस पर चलो रुकावटों की परवाह न करो घिरे हो कभी झूठ से तो सिर्फ सच की परवाह करो सुखो से घेर कर हमेशा अपने को तबाह न करो जब दुःख नहीं महसूस किया तो सुख का मजा ही क्या है यारो कुछ नहीं है इधर - उधर सारी कायनात सिर्फ हममे और तुममे है हम अगर सही है तो मत करो दुनिया की परवाह सिर्फ खुद पर एतबार करो ... और आगे बढ़ो .........!!!!!!!!