शनिवार, 7 नवंबर 2015

अपनाने के लिए हजार खुबियाँ भी कम पड़ जाती है

अपनाने के लिए हजार खुबियाँ भी कम पड़ जाती है,
और छोड़ने के लिए एक कमी ही काफी है..!!


शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2015

ये दिल भी अजीब है

ये दिल भी अजीब है 
अजीब चीजे करने को कहता है, 
कमी नहीं थी ज़िन्दगी में कहीं 
रूप था ..रंगत थी 
दिल में मोहब्बत थी 
अपनों की चाहत थी...
लेकिन एक दिन हांथो से रेत फिसल गया
तब एहसास हुआ
ज़िन्दगी में सब था ....बस रब नहीं था..!!




मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

हिन्दू या मुस्लिम के अहसास को मत छेड़िए

हिन्दू या मुस्लिम के अहसास को मत छेड़िए
अपनी कुर्सी के लिए जज्बात को मत छेड़िए,
हैं कहाँ हिटलर, हलाकू, जार या चंगेज खां
मिट गये सब, कौम की औकात को मत छेड़िए,
छेड़िए एक जंग, मिल-जुल कर गरीबी के खिलाफ
दोस्त मेरे , मजहबी नगमात को मत छेड़िए ..!!


घर से निकलती हूँ मैं भी कुछ सपने लेकर

घर से निकलती हूँ
मैं भी कुछ सपने लेकर
नहीं थी खबर ..किसी गली में...
किसी सड़क पर तेजाब से जला दी जाउंगी,
घर से मंजिल तक खौफ़ 
अपने ही शहर में इस कदर बसा है
क्या मैं सही सलामत अपने घर
लौट कर वापस आउंगी,
हक़ हमें भी है खुल के जीने का,
ना जाने क्या सोचकर तुम
इसमें आग लगाते हो,
तुम कायर ..तुम न मर्द हो
ये तो मैं भूल से नहीं भुला पाउंगी,
मुझ में इतनी शक्ति है
मैं तो फिर भी संभल जाऊँगी,
तुम्हारी आँखों पर स्वार्थ कि
काली पट्टी चढ़ी है ... तुम भटकते रहो
मैं अपनी राह खुद बनाऊँगी,
अब बंद करो अश्लीलता
और हवस का व्यापार
वरना तुम्हारे विनाश के लिए
दुर्गा का रूप धर के आउंगी
ये कैसा है मेरा देश मेरे देश कि शान
नेता कहते हैं ‘India is shining’, ‘Incredible India’,
मेरा देश महान मैं कैसे कह पाऊँगी...!!
stop acid attack
(अर्पणा)


शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

सजावट इन फूलों से उस आलम कि क्या खूब होगी

सजावट इन फूलों से उस आलम कि क्या खूब होगी
अकसर इन हाथों में फूल देखकर आक़िल भी सवाल करती है,  


सड़क पर रूकती गाड़ियों से लिपटी भला ऐसी आस किसे होगी
इतनी तो उम्र भी नहीं... जितना बचपन इनसे हिसाब करती है...!!!