शनिवार, 26 सितंबर 2015
भटकती है दुनिया दिन रात सोने की दुकानों में
भटकती है दुनिया दिन रात सोने की दुकानों में,
गरीबी कान छिदवाती है तो तिनका डाल लेती है !
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