गुरुवार, 20 मार्च 2014

जो जाग जाते हैं, उनके प्रेम का नाम प्रार्थना है।

सोये रहने वाले के लिए जिस तरह सिर्फ सुबह हो जाने से ही कुछ नहीं होता, उसी तरह प्रेम हो जाने भर से ही कुछ नहीं होता। प्रेम में होकर भी लोग चूक जाते हैं। मंदिर के दरवाजे तक आ-आकर लोग मुड़ जाते हैं, सीढि़यां चढ़-चढ़कर लौट जाते हैं। प्रेम तो जीवन में बहुत बार होता है, मगर बहुत थोड़े ही लोग खुशकिस्मत होते हैं, जो जागते हैं। जो जाग जाते हैं, उनके प्रेम का नाम प्रार्थना है। जागे हुए प्रेम का नाम प्रार्थना है, जबकि सोई हुई प्रार्थना का नाम प्रेम है.....वह सब जो आप कर रहे हैं, अगर उसमें प्रेम नहीं है, तो सब झूठा और बकवास है। लेकिन वह सब जो प्रेममय है, वह सब सत्य है। प्रेम की राह पर आप जो कुछ करते हो, वह आपकी चेतना को विकसित करता है। आपको अधिक सत्य देता है और अधिक सच्चा बनाता है। हर चीज प्रेम के पीछे छिपी हुई होती है, क्योंकि प्रेम हर चीज की सुरक्षा कर सकता है। प्रेम इतना सुंदर है कि कुरूप चीज भी इसके भीतर छिप सकती है और सुंदर होने का ढोंग कर सकती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें