बुधवार, 30 अक्टूबर 2013

जो मेरे जैसा हो



न वो फ़रिश्ता हो न फ़रिश्ते जैसा हो
मुझे तलाश है उसकी जो मेरे जैसा हो,
 
जो ख्वाब देने को कादिर हो मेरी आँखों को
मेरी मोहब्बत को पहचान सके वो ऐसा हो,

जो दुखों में हसने का हुनर जानता हो
एक ऐसा हमसफ़र जो समंदर की तरह गहरा हो,

जो मैं रूठ जाऊं उससे कभी तो
मुस्कुराकर मनाये वो ऐसा हो,

जो बात करे तो वो निभा भी सके
इरादों में वो अपने चट्टानों जैसा हो,

उसके प्यार की ठंडक हो मेरे लिए ऐसी
के वो तो बिल्कुल आसमान के चाँद जैसा हो,

वो सिर्फ मेरा हो जो निगाहों में हया रखता हो
उम्र भर साथ चले बस हमसफ़र ऐसा हो, 

मेरी खातीर मरने का हौसला भी रखता हो
कोई भी हो कही भी हो बस ऐसा हो, 


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