जिन्दगी एक सफ़र की तरह है ... जहाँ लोगों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन हाँ ...... इन्ही आने जाने वालों से हमे यह पता चलता है कि इन आने जाने वालो में किसकी हमारी जिंदगी में कितनी एहमियत है। कुछ हमारे पास रुक जाने के बाद भी उतना महत्व नहीं रखते जितना की कभी - कभी बहुत दूर चले जाने वाले रखते हैं। ....... इसका मतलब तो यही है कि रिश्तो के बंधन साथ के नहीं अहसास के होते हैं और जहाँ रिश्तो में एहसास नहीं वहां बंधन का कोई मतलब नहीं है।।।।।।।।
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013
जो पूरा न कर सको किसी से वो वादा न करो
जो पूरा न कर सको
किसी से वो वादा न करो
उम्मीदें जो भी हो खुद से करो
दूसरों से इरादा न करो
मंजिल तक पहुंचना है तो
सही रास्ता चुनो और उस पर चलो
रुकावटों की परवाह न करो
घिरे हो कभी झूठ से तो
सिर्फ सच की परवाह करो
सुखो से घेर कर हमेशा
अपने को तबाह न करो
जब दुःख नहीं महसूस किया तो
सुख का मजा ही क्या है यारो
कुछ नहीं है इधर - उधर
सारी कायनात सिर्फ हममे और तुममे है
हम अगर सही है तो
मत करो दुनिया की परवाह
सिर्फ खुद पर एतबार करो ... और आगे बढ़ो .........!!!!!!!!
किसी से वो वादा न करो
उम्मीदें जो भी हो खुद से करो
दूसरों से इरादा न करो
मंजिल तक पहुंचना है तो
सही रास्ता चुनो और उस पर चलो
रुकावटों की परवाह न करो
घिरे हो कभी झूठ से तो
सिर्फ सच की परवाह करो
सुखो से घेर कर हमेशा
अपने को तबाह न करो
जब दुःख नहीं महसूस किया तो
सुख का मजा ही क्या है यारो
कुछ नहीं है इधर - उधर
सारी कायनात सिर्फ हममे और तुममे है
हम अगर सही है तो
मत करो दुनिया की परवाह
सिर्फ खुद पर एतबार करो ... और आगे बढ़ो .........!!!!!!!!
आपकी ख़ुशी
जब आप खुश हों तब गहराई से अपने ह्रदय में देखिये और आप पायेंगे कि जिस चीज ने आपको दुखी किया था वही आपको ख़ुशी दे रही है। जब आप दुखी हों, तब फिर अपने हृदय में झांकिए, और आप देखेंगे की असल में आप जिसके लिए रो रहे हैं वही आपकी ख़ुशी रहा है।
वो कहते है कि हम कुछ जानते नहीं
वो कहते है कि हम कुछ जानते नहीं
हम अगर कुछ कहे तो वो मानते नहीं'
ये उनकी नादनगी ही हैं न, मिलते तो है वो हमसे
लेकिन अभी तक सिर्फ हमें जानते हैं वो, पहचानते नहीं!
हम अगर कुछ कहे तो वो मानते नहीं'
ये उनकी नादनगी ही हैं न, मिलते तो है वो हमसे
लेकिन अभी तक सिर्फ हमें जानते हैं वो, पहचानते नहीं!
देश के नेता हर काम भूल जाते हैं
देश के नेता हर काम भूल जाते हैं
जाते हैं जिनके पास वोट मांगने
जितने के बाद वो इंसान भूल जाते हैं।
जितने से पहले करते हैं जो वादे
उन सभी वादों के नाम भूल जाते हैं।
बैठते ही अपनी कुर्सी पर बनते हैं इनके आलिशान महल
गरीबों के टूटे माकन भूल जाते हैं।
पहनकर सफ़ेद खादी का कुरता
जो करते हैं वो सारे काले काम भूल जाते हैं।
बोलते हैं झूठ इतना कि
अपना ईमान भूल जाते हैं।
बात करते हैं खेती की और
देश के किसान भूल जाते हैं।
डुबे रहते हैं शराब के नशे में
पानी का काम भूल जाते हैं।
बढ़ा कर भाव मार्केट का
हर चीज का दाम भूल जाते हैं।
भाषण देने में हो जाते है बुत इतना कि
अपने भाषण का परिणाम भूल जाते हैं।
चलते हैं दुश्मनों से सम्बन्ध बनाने
उनसे मिले जख्मों सारे निशान भूल जाते हैं।
देश का सिस्टम लेकर हांथो में
सिस्टम का काम भूल जाते हैं।
बनते ही नेता
हर मान सम्मान भूल जाते है।
यह नेता किसी काम के नहीं हैं
देश के नेता हर काम भूल जाते हैं
हर काम भूल जाते है ...........।।।
जाते हैं जिनके पास वोट मांगने
जितने के बाद वो इंसान भूल जाते हैं।
जितने से पहले करते हैं जो वादे
उन सभी वादों के नाम भूल जाते हैं।
बैठते ही अपनी कुर्सी पर बनते हैं इनके आलिशान महल
गरीबों के टूटे माकन भूल जाते हैं।
पहनकर सफ़ेद खादी का कुरता
जो करते हैं वो सारे काले काम भूल जाते हैं।
बोलते हैं झूठ इतना कि
अपना ईमान भूल जाते हैं।
बात करते हैं खेती की और
देश के किसान भूल जाते हैं।
डुबे रहते हैं शराब के नशे में
पानी का काम भूल जाते हैं।
बढ़ा कर भाव मार्केट का
हर चीज का दाम भूल जाते हैं।
भाषण देने में हो जाते है बुत इतना कि
अपने भाषण का परिणाम भूल जाते हैं।
चलते हैं दुश्मनों से सम्बन्ध बनाने
उनसे मिले जख्मों सारे निशान भूल जाते हैं।
देश का सिस्टम लेकर हांथो में
सिस्टम का काम भूल जाते हैं।
बनते ही नेता
हर मान सम्मान भूल जाते है।
यह नेता किसी काम के नहीं हैं
देश के नेता हर काम भूल जाते हैं
हर काम भूल जाते है ...........।।।
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