शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

सपने अपने होते हैं

सभी कर्मठ व्यक्ति स्वप्नद्रष्टा होते हैं हमारे सभी सपने सच हो सकते हैं , यदि हम उन्हें पूर्ण करने का साहस दिखाएं तो। छोटे सपने मत देखिये ,उनमे इंसान को झकझोरने की शक्ति नहीं होती व्यवहारिक रूप में सपने देखिये। सपने देखिये और खुद को अपनी कल्पना में वैसा दिखने की अनुमति दीजिये जैसा आप बनना चाहते हैं, सपने में या हकीकत में , हम उन्ही चीजों को देखते हैं जो हमारे लिए अर्थपूर्ण हो। हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर वो ताकत है, धैर्य है, और जज़्बा है कि आप सितारों को छू सकें और इस दुनिया को बदल दें।

इससे पहले कि आपके सपने सच हों, आपको सपने देखने होंगे, दुनिया को सपने देखने वाले चाहिए और दुनिया को काम करने वाले चाहिए। लेकिन सबसे ज्यादा दुनिया को ऐसे सपने देखने वाले चाहिए जो काम करते हों। सपनो को सच करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जाग जाओ आप अपने सपनो में क्या करते हैं इससे अपने चरित्र को आंक सकते हैं। अपने सपने दूसरों को दिखाने के लिए बहुत साहस चाहिए होता है, सपनो में जिम्मेदारी की शुरआत होती है। महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं। हर एक व्यक्ति को अपनी ज़िन्दगी ऐसे जीनी चाहिए कि भविषय में कहीं ना कहीं उसके सपने और हकीकत मिल जायें। सपने आपको कहीं नहीं ले जायेंगे, एक वक़्त में किसी सपने का एक ही मालिक होता है इसीलिए सपने देखने वाले अकेले होते हैं। सपने कल के प्रश्नों के लिए आज के उत्तर हैं ज़िन्दगी के लिए सपने ज़रूरी है।

अजब शान

कुछ अजब शान से लोगों में रहा करते थे,
हम ख़फा रह के भी आपस में मिला करते थे,

इतनी तहज़ीब रह-ओ-रसम तो बाकी थी के वो, 
लाख रंजिश सही वादा तो वफ़ा करते थे,

उनसे पूछा था कई बार मगर क्या कहिये,
हम मिज़जान्न ही परेशान रहा करते थे,

ख़तम था हम पे मोहब्बत का तमाशा गया,
रूह और जिस्म को हर रोज़ जुदा करते थे,

ज़िन्दगी हम से तेरे नाज़ उठाये न गए,
सांस लेने की फ़क़त रसम अदा करते थे,

हम बरस पड़ते थे अपनी ही तनहाई पर,
अब की तरह किसी दर से उठा करते थे .....!!!!

मोहब्बत तो मोहब्बत है

मोहब्बत तो मोहब्बत है...!
कभी दिल से नहीं जाती,
लाखों रंग है इसके ,
अजब ही ढंग हैं इसके ,
कभी सेहरा, कभी दरिया,
कभी जुगनू, कभी आंसू,
हज़ारों रूप रखती है,
बदन झुलसा के जो रख दे
कभी वो धुप रखती है,
कभी बन कर ये एक जुगनू,
शब् -ऐ - ग़म के अंधेरों में,
दिलों को आस देती है,
कभी मंज़िल किनारे पर सदियों एक मुसाफ़िर को
फ़क़त एक प्यास देती है,
मोहब्बत तो मोहब्बत है
कभी दिल से नहीं जाती .........!!!!

प्रेम-युक्त ह्रदय

एक प्रेम-युक्त ह्रदय सभी ज्ञान का प्रारंभ है। कभी – कभी एक पावरफुल चश्मा ही प्यार में पड़े इंसान के इलाज़ के लिए पर्याप्त होता है। एक छोटी सी आशा प्यार के जन्म के लिए पर्याप्त होती है। हमारे जीवन में जो भी दृढ और स्थायी ख़ुशी है उसके लिए नब्बे प्रतिशत प्रेम उत्तरदायी है। सभी प्रेम परिवर्तित होते हैं और उनमे बदलाव आता है। मुझे नहीं पता है कि आप हर समय प्रेम में रह सकते हैं। सभी मनुष्य एक प्रेमी से प्यार करते हैं। किसी के द्वारा अत्यधिक प्रेम मिलने से आपको शक्ति मिलती है, और किसी को अत्यधिक प्रेम करने से आपको साहस मिलता है। हम आदर्श प्रेम का निर्माण करने कि बजाये आदर्श प्रेमी को खोजने में अपना समय बर्वाद कर देते हैं। दोस्तों प्रेम को सिर्फ प्रेम रहने दे इसमें कुछ और तलाशने की कोशिश न करे ... प्रेम हमेशा बना रहेगा!!!!!

आप सभी दोस्तों को प्रेम चतुर्दशी" की बधाई ...

ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा

पिघले नीलम सा बहता ये शमा
नीली – नीली सी ख़ामोशी 
नहीं कहीं है जमी न कहीं आसमा 
सरसराती हुई टहनियां पतियाँ 
कह रही हैं कि बस तुम हो यहाँ 
सिर्फ मैं हूँ मेरी सांसे हैं और मेरी धड़कन 
ऐसी गहराइयाँ ऐसी तन्हाईयाँ और मैं सिर्फ मैं 
अपने होने पर मुझको यकीं आ गया 
एक बात होठो तक जो आई नहीं 
बस आँखों से है झांकती 
तुमसे कभी मुझसे कभी
कुछ लब्ज़ है वो मांगती
जिनको पहन कर होठों तक आ जाए वो
आवाज़ की बाहों में बाहें डालकर इठलाये वो
लेकिन जो ये बात है
एहसास ही एहसास है
खुशबू सी है जो हवा में तैरती
खुशबू जो बे आवाज़ है
जिसका पता तुमको भी है
जिसकी खबर मुझको भी है
दुनियाँ से भी छुपता नहीं
ये जाने कैसा राज़ है
जब जब दर्द का बादल छाया
जब गम का साया लहराया
जब आंसू पलकों तक आया
जब ये तनहा दिल घबराया
हमने दिल को ये समझाया
आखिर दिल तू क्यों रोता है
दुनियां में यूँ ही होता है
ये जो गहरे सन्नाटे हैं
वक़्त ने सबको बाँटें हैं
थोड़ा गम है सबका किस्सा
थोड़ी धूप है सबका हिस्सा
आँख तेरी बेकार ही नम है
हर पल एक नया मोसम है
क्यों तू ऐसे पल खोता है
दिल आखिर तू क्यों रोता है
दिलों में अगर तुम बेताबियाँ लेकर चल रहे हो तो जिन्दा हो तुम
नज़र में ख़्वाबों की बिजलियाँ लेकर चल रहे हो तो जिंदा हो तुम
हवा के झोको के जैसे आज़ाद रहना सीखो
तुम एक दरिया के जैसे लहरों में बहना सीखो
हर एक लम्हें से तुम मिलो खोले अपनी बाहें
हर एक पल नया शमा देखें ये निगाहें
जो अपनी आँखों में हैरानियाँ लेकर चल रहे हो तो जिंदा हो तुम
दिलों में तुम अगर बेताबियाँ लेकर चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,,,,,


ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा..... दोस्तों जियो खुलकर जियो....!!!!!!