शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

अजब शान

कुछ अजब शान से लोगों में रहा करते थे,
हम ख़फा रह के भी आपस में मिला करते थे,

इतनी तहज़ीब रह-ओ-रसम तो बाकी थी के वो, 
लाख रंजिश सही वादा तो वफ़ा करते थे,

उनसे पूछा था कई बार मगर क्या कहिये,
हम मिज़जान्न ही परेशान रहा करते थे,

ख़तम था हम पे मोहब्बत का तमाशा गया,
रूह और जिस्म को हर रोज़ जुदा करते थे,

ज़िन्दगी हम से तेरे नाज़ उठाये न गए,
सांस लेने की फ़क़त रसम अदा करते थे,

हम बरस पड़ते थे अपनी ही तनहाई पर,
अब की तरह किसी दर से उठा करते थे .....!!!!

मोहब्बत तो मोहब्बत है

मोहब्बत तो मोहब्बत है...!
कभी दिल से नहीं जाती,
लाखों रंग है इसके ,
अजब ही ढंग हैं इसके ,
कभी सेहरा, कभी दरिया,
कभी जुगनू, कभी आंसू,
हज़ारों रूप रखती है,
बदन झुलसा के जो रख दे
कभी वो धुप रखती है,
कभी बन कर ये एक जुगनू,
शब् -ऐ - ग़म के अंधेरों में,
दिलों को आस देती है,
कभी मंज़िल किनारे पर सदियों एक मुसाफ़िर को
फ़क़त एक प्यास देती है,
मोहब्बत तो मोहब्बत है
कभी दिल से नहीं जाती .........!!!!

प्रेम-युक्त ह्रदय

एक प्रेम-युक्त ह्रदय सभी ज्ञान का प्रारंभ है। कभी – कभी एक पावरफुल चश्मा ही प्यार में पड़े इंसान के इलाज़ के लिए पर्याप्त होता है। एक छोटी सी आशा प्यार के जन्म के लिए पर्याप्त होती है। हमारे जीवन में जो भी दृढ और स्थायी ख़ुशी है उसके लिए नब्बे प्रतिशत प्रेम उत्तरदायी है। सभी प्रेम परिवर्तित होते हैं और उनमे बदलाव आता है। मुझे नहीं पता है कि आप हर समय प्रेम में रह सकते हैं। सभी मनुष्य एक प्रेमी से प्यार करते हैं। किसी के द्वारा अत्यधिक प्रेम मिलने से आपको शक्ति मिलती है, और किसी को अत्यधिक प्रेम करने से आपको साहस मिलता है। हम आदर्श प्रेम का निर्माण करने कि बजाये आदर्श प्रेमी को खोजने में अपना समय बर्वाद कर देते हैं। दोस्तों प्रेम को सिर्फ प्रेम रहने दे इसमें कुछ और तलाशने की कोशिश न करे ... प्रेम हमेशा बना रहेगा!!!!!

आप सभी दोस्तों को प्रेम चतुर्दशी" की बधाई ...

ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा

पिघले नीलम सा बहता ये शमा
नीली – नीली सी ख़ामोशी 
नहीं कहीं है जमी न कहीं आसमा 
सरसराती हुई टहनियां पतियाँ 
कह रही हैं कि बस तुम हो यहाँ 
सिर्फ मैं हूँ मेरी सांसे हैं और मेरी धड़कन 
ऐसी गहराइयाँ ऐसी तन्हाईयाँ और मैं सिर्फ मैं 
अपने होने पर मुझको यकीं आ गया 
एक बात होठो तक जो आई नहीं 
बस आँखों से है झांकती 
तुमसे कभी मुझसे कभी
कुछ लब्ज़ है वो मांगती
जिनको पहन कर होठों तक आ जाए वो
आवाज़ की बाहों में बाहें डालकर इठलाये वो
लेकिन जो ये बात है
एहसास ही एहसास है
खुशबू सी है जो हवा में तैरती
खुशबू जो बे आवाज़ है
जिसका पता तुमको भी है
जिसकी खबर मुझको भी है
दुनियाँ से भी छुपता नहीं
ये जाने कैसा राज़ है
जब जब दर्द का बादल छाया
जब गम का साया लहराया
जब आंसू पलकों तक आया
जब ये तनहा दिल घबराया
हमने दिल को ये समझाया
आखिर दिल तू क्यों रोता है
दुनियां में यूँ ही होता है
ये जो गहरे सन्नाटे हैं
वक़्त ने सबको बाँटें हैं
थोड़ा गम है सबका किस्सा
थोड़ी धूप है सबका हिस्सा
आँख तेरी बेकार ही नम है
हर पल एक नया मोसम है
क्यों तू ऐसे पल खोता है
दिल आखिर तू क्यों रोता है
दिलों में अगर तुम बेताबियाँ लेकर चल रहे हो तो जिन्दा हो तुम
नज़र में ख़्वाबों की बिजलियाँ लेकर चल रहे हो तो जिंदा हो तुम
हवा के झोको के जैसे आज़ाद रहना सीखो
तुम एक दरिया के जैसे लहरों में बहना सीखो
हर एक लम्हें से तुम मिलो खोले अपनी बाहें
हर एक पल नया शमा देखें ये निगाहें
जो अपनी आँखों में हैरानियाँ लेकर चल रहे हो तो जिंदा हो तुम
दिलों में तुम अगर बेताबियाँ लेकर चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,,,,,


ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा..... दोस्तों जियो खुलकर जियो....!!!!!!

बुधवार, 2 मई 2012

आता जाता हर एक दिन

 हर दिन आता है 
हर दिन जाता है
कभी हम चाहे 
भी तो 
ये 
नहीं रुक पता है 
कभी गम 
तो 
कभी
खुशियाँ लता है 
कभी हँसाता तो 
कभी 
रुलाता है 
कभी नई
तो कभी
पुरानी  बातो 
को याद दिलाता है
किसी दिन
ऐसा भी होता 
है  
जिसे भुलाना 
मुश्किल हो जाता है 
हर एक दिन 
आता है 
और जाता है 
लेकिन जिंदगी 
जीना तो 
ये हर 
एक दिन ही 
सिखाता है ...........
हर एक दिन 
आता है और जाता है !!!!!!!!!!!!!!