मंगलवार, 8 अगस्त 2017

यू तेरा मेरा

यू तेरा मेरा 
एक दिन अचानक से मिल जाना
और फिर शुरू हो जाना
दौर बातों का
वो महीनो के सफ़र को 
घंटो में निबटाती बातें
वो दुनिया से नाराज़
पर अकेलेपन का जश्न मनाती बातें
वो उचाईयो को नापते नापते
गहराइयो में डुबाती बातें
वो दिल को दुखाने वाली हँसी से
सुकून के मीठे आंसू तक ले जाती बातें
वो ग़ालिब की हवेली से घूमते घुमते
सड़कछाप शायरी तक घुमाती बातें
कभी icu के वेंटिलेटर वाले मरीज़ सी सीरियस,
कभी शोखियां समेटे नटखट सी बातें
वो कभी सारे ज़माने की
तो कभी सिर्फ तेरी मेरी बातें
वो ज़िन्दगी की रात से काले कुर्ते पर
गेरुए रंग वाले सूरज के दुपट्टे सी बातें !

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