मंगलवार, 8 अगस्त 2017

हर चीज़ उठाई जा सकती है.

हर चीज़ उठाई जा सकती है.....सिवाय एक गिरी हुई बेईमान सोच के.

यू तेरा मेरा

यू तेरा मेरा 
एक दिन अचानक से मिल जाना
और फिर शुरू हो जाना
दौर बातों का
वो महीनो के सफ़र को 
घंटो में निबटाती बातें
वो दुनिया से नाराज़
पर अकेलेपन का जश्न मनाती बातें
वो उचाईयो को नापते नापते
गहराइयो में डुबाती बातें
वो दिल को दुखाने वाली हँसी से
सुकून के मीठे आंसू तक ले जाती बातें
वो ग़ालिब की हवेली से घूमते घुमते
सड़कछाप शायरी तक घुमाती बातें
कभी icu के वेंटिलेटर वाले मरीज़ सी सीरियस,
कभी शोखियां समेटे नटखट सी बातें
वो कभी सारे ज़माने की
तो कभी सिर्फ तेरी मेरी बातें
वो ज़िन्दगी की रात से काले कुर्ते पर
गेरुए रंग वाले सूरज के दुपट्टे सी बातें !

ईश्वर के न्याय की चक्की धीमी जरूर चलती है

ईश्वर के न्याय की चक्की धीमी जरूर चलती है..
लेकिन पीसती बहुत बारीक है!
धर्म को बचाना ईश्वर का काम है,
तुम मानवता को बचा लो वही बहुत है।

बेहिसाब हसरतें न पालिए

बेहिसाब हसरतें न पालिए..
जो मिला है उसे सम्भालिए..!!