मंगलवार, 8 अगस्त 2017
"कपड़ो" से तो "परदा" होता है साहब
"कपड़ो" से तो "परदा" होता है साहब,
"हिफाज़त" तो "निगाहों" से होती है...!!
बहुत मुश्किल है खुद पे हुकूमत करना
बहुत मुश्किल है खुद पे हुकूमत करना,
पाँव चादर में सिकुड़ने से मना करता है।।
ख़्वाहिशें कम हों तो आ जाती है पत्थरों पर भी नींद
ख़्वाहिशें कम हों तो आ जाती है पत्थरों पर भी नींद
वरना चुभता है मखमल का बिस्तर भी...!
गर इश्क़ हो तो वो बेहद हो
गर इश्क़ हो तो वो बेहद हो ...
क्यूँकि हद और सरहद जमीं की हो
ती है दिल की नहीं.!
मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016
हाथ का मजहब नहीं देखते परिंदे
हाथ का मजहब नहीं देखते परिंदे,
जो भी दाना दे ख़ुशी से खा लेते हैं..!
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