मंगलवार, 1 जुलाई 2014

ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा


ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा,


जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी!!



इतना, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाती हूँ


इतनी, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाती हूँ ,
शायद तुमने ही .. पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे …!!


खुशनसीब वो नहीं. जिसका नसीब अच्छा है



खुशनसीब वो नहीं. जिसका नसीब अच्छा है... खुशनसीब वो है जो अपने नसीब से खुश है..!!

बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है



बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है,
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…!!!!


सोमवार, 30 जून 2014

रिश्तों के सारे मंज़र चुप चाप देखती हूँ




रिश्तों के सारे मंज़र चुप चाप देखती हूँ,
हाथों में सबके खंजर चुप चाप देखती हूँ …!