मंगलवार, 17 सितंबर 2013

उन चिरागों में तेल ही कम था
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे ...


ख़ुशी से फासला

सब का ख़ुशी से फासला एक कदम है,
हर घर में बस एक ही कमरा कम है .......!!!!

बेखबर नहीं

ये सोचना गलत है कि तुमपर हमारी नज़र नहीं,
मशरूफ हम बहुत हैं मगर बेखबर नहीं ,
और अब खुद अपने खून ने भी साफ कह दिया
कि हम आपके रहेंगे मगर उम्र भर नहीं .......!!!!!!!

सोमवार, 16 सितंबर 2013

खामोशी

वो ढल रहा है तो ये भी रंगत बदल रही है
जमीन सूरज की उँगलियों से फिसल रही है,

मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन
मेरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है,

मैं जानती हूँ कि खामोशी में ही मस्लहत है
मगर यही मस्लहत मेरे दिल को खल रही है....










Your desires

Become the leader of your life. Lead yourself to where you want to be. Breathe life back into your ambitions, your desires, your goals, your relationships
Arpana Singh Parashar