उन चिरागों में तेल ही कम था
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे ...
सब का ख़ुशी से फासला एक कदम है,
हर घर में बस एक ही कमरा कम है .......!!!!
ये सोचना गलत है कि तुमपर हमारी नज़र नहीं,
मशरूफ हम बहुत हैं मगर बेखबर नहीं ,
और अब खुद अपने खून ने भी साफ कह दिया
कि हम आपके रहेंगे मगर उम्र भर नहीं .......!!!!!!!
वो ढल रहा है तो ये भी रंगत बदल रही है
जमीन सूरज की उँगलियों से फिसल रही है,
मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन
मेरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है,
मैं जानती हूँ कि खामोशी में ही मस्लहत है
मगर यही मस्लहत मेरे दिल को खल रही है....
Become the leader of your life. Lead yourself to where you want to be. Breathe life back into your ambitions, your desires, your goals, your relationships
Arpana Singh Parashar