सोमवार, 16 सितंबर 2013

खामोशी

वो ढल रहा है तो ये भी रंगत बदल रही है
जमीन सूरज की उँगलियों से फिसल रही है,

मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन
मेरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है,

मैं जानती हूँ कि खामोशी में ही मस्लहत है
मगर यही मस्लहत मेरे दिल को खल रही है....










Your desires

Become the leader of your life. Lead yourself to where you want to be. Breathe life back into your ambitions, your desires, your goals, your relationships
Arpana Singh Parashar

I don't want whatever I want

I don't want whatever I want. Nobody does. Not really. What kind of fun would it be if I just got everything I ever wanted just like that, and it didn't mean anything? What then?


रविवार, 15 सितंबर 2013

मोहब्बत

दिल को न हो ज़रूरत तो मोहब्बत नहीं मिलती
 खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती ,

कुछ लोग यूँ ही शहर में हम से भी ख़फा हैं
हर एक से अपनी भी तबियत नहीं मिलती ,


देखा था जिसे मैंने कोई और था शायद
वो कौन है जिस से तेरी सूरत नहीं मिलती,

हँसते हुए चेहरों से है बाज़ार की जीनत
रोने को यहाँ वैसे भी फुर्सत नहीं मिलती ....!!


किनारा कौन करता है

अभी तो मिल के चलना है, समंदर की मुसाफत में,
फिर आगे चल के देखेंगे, किनारा कौन करता है....!!!!