रविवार, 3 जून 2018
शनिवार, 19 मई 2018
शनिवार, 16 सितंबर 2017
ज़िन्दगी, लाख मुश्किलों में टूट कर भी जुड़ना जैसे है,
ज़िन्दगी, लाख मुश्किलों में टूट कर जुड़ना जैसे है,
परिंदों को जरुरत नहीं बताने की के उड़ना कैसे है..!!
(अर्पणा)
बुधवार, 30 अगस्त 2017
जो दरवाजा खटखटाने से पहले खुल जाए
जो दरवाजा खटखटाने से पहले खुल जाए
उस दरवाजे की दहलीज को कभी पार नहीं करना चाहिए.
उस दरवाजे की दहलीज को कभी पार नहीं करना चाहिए.
मंगलवार, 8 अगस्त 2017
यू तेरा मेरा
यू तेरा मेरा
एक दिन अचानक से मिल जाना
और फिर शुरू हो जाना
दौर बातों का
वो महीनो के सफ़र को
घंटो में निबटाती बातें
वो दुनिया से नाराज़
पर अकेलेपन का जश्न मनाती बातें
वो उचाईयो को नापते नापते
गहराइयो में डुबाती बातें
वो दिल को दुखाने वाली हँसी से
सुकून के मीठे आंसू तक ले जाती बातें
वो ग़ालिब की हवेली से घूमते घुमते
सड़कछाप शायरी तक घुमाती बातें
कभी icu के वेंटिलेटर वाले मरीज़ सी सीरियस,
कभी शोखियां समेटे नटखट सी बातें
वो कभी सारे ज़माने की
तो कभी सिर्फ तेरी मेरी बातें
वो ज़िन्दगी की रात से काले कुर्ते पर
गेरुए रंग वाले सूरज के दुपट्टे सी बातें !
एक दिन अचानक से मिल जाना
और फिर शुरू हो जाना
दौर बातों का
वो महीनो के सफ़र को
घंटो में निबटाती बातें
वो दुनिया से नाराज़
पर अकेलेपन का जश्न मनाती बातें
वो उचाईयो को नापते नापते
गहराइयो में डुबाती बातें
वो दिल को दुखाने वाली हँसी से
सुकून के मीठे आंसू तक ले जाती बातें
वो ग़ालिब की हवेली से घूमते घुमते
सड़कछाप शायरी तक घुमाती बातें
कभी icu के वेंटिलेटर वाले मरीज़ सी सीरियस,
कभी शोखियां समेटे नटखट सी बातें
वो कभी सारे ज़माने की
तो कभी सिर्फ तेरी मेरी बातें
वो ज़िन्दगी की रात से काले कुर्ते पर
गेरुए रंग वाले सूरज के दुपट्टे सी बातें !
ईश्वर के न्याय की चक्की धीमी जरूर चलती है
ईश्वर के न्याय की चक्की धीमी जरूर चलती है..
लेकिन पीसती बहुत बारीक है!
लेकिन पीसती बहुत बारीक है!
मैंने अपनी ज़िन्दगी में सारे महंगे सबक
मैंने अपनी ज़िन्दगी में सारे महंगे सबक सस्ते लोगों से ही सीखे हैं।
मकानों के भाव यूँ ही नहीं बढ़े
मकानों के भाव यूँ ही नहीं बढ़े,
रिश्तों में पड़ी दरारों का फायदा बिल्डर उठा रहे हैं।
रिश्तों में पड़ी दरारों का फायदा बिल्डर उठा रहे हैं।
"कपड़ो" से तो "परदा" होता है साहब
"कपड़ो" से तो "परदा" होता है साहब,
"हिफाज़त" तो "निगाहों" से होती है...!!
"हिफाज़त" तो "निगाहों" से होती है...!!
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