मंगलवार, 8 अगस्त 2017

मकानों के भाव यूँ ही नहीं बढ़े

मकानों के भाव यूँ ही नहीं बढ़े,
रिश्तों में पड़ी दरारों का फायदा बिल्डर उठा रहे हैं।

काश.....ऐसी भी हवा चले

काश.....ऐसी भी हवा चले, 
कौन किसका है....पता तो चले.!!





जिसके सहारे जिंदगी गुज़र जाए

जिसके सहारे जिंदगी गुज़र जाए,
आजकल उस वहम की तलाश में हूँ।


अगर ज़िन्दगी को समझना है तो

अगर ज़िन्दगी को समझना है तो पीछे देखो और ज़िन्दगी जीनी है तो आगे देखो.!


"कपड़ो" से तो "परदा" होता है साहब

"कपड़ो" से तो "परदा" होता है साहब,
"हिफाज़त" तो "निगाहों" से होती है...!!