गुरुवार, 28 अगस्त 2014
ज़रूरी तो नहीं है के हम हार के ही जीते
ज़रूरी तो नहीं है के हम हार के ही जीते,
इश्क के खेल बराबर भी तो हो सकते हैं..!!
बंद मुट्ठी से गिरती हुई रेत की तरह
बंद मुट्ठी से गिरती हुई रेत की तरह,
भुला रहे हैं उन्हें ज़रा ज़रा करके...!
बुधवार, 27 अगस्त 2014
तुमको होंगे अज़ीज़ अपने उसूल
तुमको होंगे अज़ीज़ अपने उसूल,
मगर हम भी इत्तिफ़ाक से ज़िद्द के मरीज है.. !
रविवार, 24 अगस्त 2014
बेबसी भी कभी कुर्बत का सबब बन जाती है
बेबसी भी कभी कुर्बत का सबब बन जाती है,
रो न पायें तो गले किसी अपने के लग जाते हैं..!!
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज़
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज़ ..,
हर किसी से कह रहा है ..... 'आप सा कोई नहीं',.
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