मंगलवार, 1 जुलाई 2014

नदी जब किनारा छोड देती हैं



नदी जब किनारा छोड देती हैं,
राह की चट्टान तक तोड देती हैं,
बात छोटी सी अगर चुभ जाए दिल में तो,
जिंदगी के रास्तों को भी मोड देती हैं.
थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे…!!”



रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा


रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा,
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा !!







ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा


ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा,


जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी!!



इतना, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाती हूँ


इतनी, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाती हूँ ,
शायद तुमने ही .. पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे …!!


खुशनसीब वो नहीं. जिसका नसीब अच्छा है



खुशनसीब वो नहीं. जिसका नसीब अच्छा है... खुशनसीब वो है जो अपने नसीब से खुश है..!!