सोमवार, 30 जून 2014
मेरी सांस का क्या भरोसा कहाँ साथ छोड़ जाये
मेरी सांस का क्या भरोसा कहाँ साथ छोड़ जाये,
मेरी जात से वाकिफ़ लोग मुझे माफ़ करते रहना...!
नज़र –नज़र का फर्क होता है हुस्न का नहीं
नज़र –नज़र का फर्क होता है हुस्न का नहीं,
चाहत जिसकी भी हो, बे मिशाल होनी चाहिए ..!
बुधवार, 4 जून 2014
मैं खुद भी सोचती हूँ ये क्या मेरा हाल है
मैं खुद भी सोचती हूँ ये क्या मेरा हाल है
जिसका जवाब चाहिए वो क्या सवाल है ..?
खोने पाने का कोई डर नहीं और ग़म नहीं
खोने पाने का कोई डर नहीं और ग़म नहीं
न प्यार इस से , उस से कुछ बेरहम नहीं..!!
नेकिया कम पड़ रही थी अमले अमल में
नेकिया कम पड़ रही थी अमले अमल में,
सुक्र है कि दुश्मनों की गलियाँ काम आ गई....!!
.
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)